पारदर्शी किसान सेवा योजना 2022 उत्तर प्रदेश कृषि विभाग upagripardarshi.gov.in रजिस्ट्रेशन | pardarshi kisan seva yojana
नमस्कार दोस्तों। कृषि विभाग की वर्ष 1875 में स्थापना की गयी। प्रारम्भ में कृषि विभाग का कार्य कृषि सम्बन्धी आँकड़ों के संकलन तथा आदर्श प्रक्षेत्रों की स्थापना तक ही सीमित था। वर्ष 1880 में कृषि विभाग को भू-अभिलेख विभाग से सम्बद्ध कर दिया गया।
गवर्नमेन्ट आफ इण्डिया एक्ट-1919 के पारित होने के उपरान्त कृषि क्षेत्र राज्य सरकार के अधीन हो जाने के फलस्वरूप कृषि विभाग को 01 दिसम्बर, 1919 से एक स्वतंत्र विभाग बनाया गया तथा 1 मई, 1920 को इसकी विधिवत् स्थापना हुई। विभाग के तत्कालीन क्रियाकलापों में कृषि क्षेत्र यथा- उपज पालन, भूमि संरक्षण, गन्ना उत्पादन, उद्यान एवं कोलोनाइजेशन सम्बन्धी गतिविधियों का समावेश था।
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् गन्ना विभाग के गठन के फलस्वरूप गन्ना उत्पादन सम्बन्धी कार्य नवगठित विभाग में समाहित कर दिया गया। इसी क्रम में कृषि विपणन को भी कृषि विभाग से अलग किया गया है। उत्तर प्रदेश के प्यारे देशवासियों किसानों की सहायता के लिए कृषि विभाग ने पारदर्शी किसान सेवा योजना का ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिया गया है|
इसका लाभ पाने वाले कृषि को को आधार पंजीकरण नंबर बताना होगा अगर किसानों ने अपना आधार पंजीकरण नहीं कराया तो वह आधार पंजीकरण कराने हेतु आवेदन करें जिन कृषकों के पास अपना आधार कार्ड है वह कृषक अपने बैंक खाते के साथ आधार कार्ड लिंक करवाएं|उप कृषि निदेशक ने बताया कि भारत सरकार के पत्र के माध्यम से डीबीटी हेतु आधार नं. अनिवार्य किया जा रहा है।
इस योजना के तहत दी गई अनुदान राशि सीधे लाभार्थी किसान के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी। किसान के पास बैंक में खाता होना अनिवार्य है, जिसके माध्यम से उसे सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, लाभार्थी के बैंक खाते को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य है। यहां इस लेख में हम आपको इस योजना के तहत पंजीकरण की जानकारी प्रदान करेंगे।
पारदर्शी किसान सेवा योजना 2022
पारदर्शी किसान सेवा योजना को शुरू करने का उद्देश्य राज्य में किसानों को आय में वृद्धि करें उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है| इस योजना के तहत राज्य के किसानों को कृषि के उत्पादकता में वृद्धि करना कृषि की विकास दर में गति प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है| राज्य सरकार इस योजना से राज्य के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना चाहती हैं तथा राज्य में अधिक से अधिक पैदावार को बढ़ावा देना चाहती हैं|
योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाएं आने पर जैसे कि सूखाग्रस्त, बंजर जमीन, या फिर बाढ़ से होने वाले नुकसान की भरपाई कर राज्य के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि अनुदान हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना ताकि किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और कृषि उत्पादकता एवं कृषि विकास दर को गति प्रदान की जा सके. पारदर्शी किसान सेवा योजना के माध्यम से किसानों का आर्थिक एवं सामाजिक जीवन स्तर को ऊपर उठाना हैं.
pardarshi kisan seva yojana की सेवाएँ
- किसान पंजीकरण
- पंजीकरण ग्राफ
- पंजीकरण की रिपोर्ट
- किसान सहायता
- सुझाव एवं शिकायतें
- लाभ वितरण हेतु चयनित कृषक
- अनुदान खेतों में भेजने की प्रगति जाने
- लाभार्थियों की सूची
- अन्य सूचनाएं
- सूखा राहत की प्रगति
- सफलता की कहानी
- पंजीकरण की प्रगति
- कहां किस को क्या लाभ मिला
- महत्वपूर्ण योजनाओं में लाभ वितरण
- कृषिको हेतु सुविधाएं एवं अनुदान
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
- यंत्र पर अनुदान हेतु टोकन निकाले
पोर्टल पर उपलब्ध सुविधाए
- उन्नतशील खेती के तरीके
- बीजो की जांच
- किसान क्रेडिट कार्ड
- कृषको को देय सुविधाएं
- प्राकर्तिक संसाधन प्रबंधन
- किस माह में क्या करे
- असली खाद की पहचान
- फसलों के किट एवं रोग
- विशेष कार्यक्रम
- मिटटी की जांच
- कृषि उपयोगी यंत्र
- प्रश्नोत्तरी
पारदर्शी किसान सेवा योजना के लाभ
- इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के किसान भाइयो को भी प्रदान किया जाएगा।
- पारदर्शी किसान सेवा योजना में ऑफ़लाइन पंजीकरण द्वारा किसान भाई सभी प्रकार के बीज कृषि यंत्र और कृषि रक्षा रसायन से संबंधितित अनुदान प्राप्त कर सकता है।
- किसानो को दी जाने वाली अनुदान धनराशि सीधी लाभार्थी किसान के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
- यूपी परदेशी किसान सेवा योजना के अंतर्गतकृषकों को विभिन्न पारिस्थितिकीय परिस्थितियों में उपयुक्त फसलों से अधिक उत्पादन लेने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से तकनीकी प्रदर्शन का आयोजन और उनके परिणामों से कृषकों को परिचित कराया जाएगा।
- कृषि उत्पादन में प्राकृतिक आपदाओं, कीट / रोग आदि जोखिम के कारण होने वाली क्षति की पूर्ति के लिए प्रदेश में संचालित कृषि बीमा योजनाओं को व्यापक रूप से प्रदान करना होगा।
- इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किसानो को अगर किसी तरह की समस्या है तो वह ऑफ़लाइन दर्ज करवा सकता है और अपनी समस्या का निवारण प्राप्त कर सकता है।
जरूरी कागजात
- किसान के पास अपना वोटर कार्ड होना चाहिए।
- आवेदक किसान का आधार कार्ड होना भी आवश्यक है |
- आवेदन करने के लिए बैंक पासबुक की एक कॉपी होना जरूरी है|
- योजना में आवेदन करने के लिए राशन कार्ड का होना भी जरूरी है|
- किसान सेवा योजना में व्यक्ति के पास अपनी भूमि का खाता नंबर भी होना चाहिए|
पारदर्शी किसान सेवा योजना रजिस्ट्रेशन
- सर्वप्रथम आवेदक को पारदर्शी किसान सेवा योजना कृषि विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा । ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा ।
- इस होम पेज पर आपको किसान पंजीकरण का ऑप्शन दिखाई देगा ।आपको इस ऑप्शन पर क्लिक करना होगा । ऑप्शन पर क्लिक करना के बाद आपके सामने अगला पेज खुल जायेगा ।इस पेज पर आपको पंजीकरण फॉर्म खुल जायेगा ।
- पंजीकरण में आपको पूछी गयी सभी जानकारी जैसे नाम ,पता ,आधार नंबर ,बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरनी होगी । सभी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा ।
- इस तरह आपका इस पोर्टल पर पंजीकरण हो जायेगा और आप इस पोर्टल पर दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठा सकते है ।
उत्तर प्रदेश की अन्य योजनाएँ
- संकर धान पर 130 रूपये प्रति किलो तक तथा संकर मक्का व संकर ज्वार पर 100 रूपये प्रति किलो तक अनुदान ।
- सामान्यधान एवं गेहूं बीज की चयनित प्रजातियों पर 2 रूपये से 14 रूपये प्रति किलो तक अनुदान। दलहनी बीजों पर 40 से 45 रूपयेप्रति किलो व तिलहनी बीजों पर 33 से 40 रूपये प्रति किलो अनुदान ।
- तिल के बीज पर बुन्देलखण्ड के किसानों को 90 प्रतिशत तथा अन्य क्षेत्र के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान |
- 2 और 3 हार्सपावर के सोलर पम्प पर 70 प्रतिशत तथा 5 हार्सपावर के सोलर पम्प पर 40 प्रतिशत अनुदान |
- कृषि यंत्रों पर 20 से 50 प्रतिशत तक अनुदान|
- कस्टम हायरिंग सेन्टर पर 40 प्रतिशत तथा फार्म मशीनरी बैंक पर 80 प्रतिशत अनुदान ।
- स्प्रिंकलर सेट पर 90 प्रतिशत तक अनुदान।
- कृषि रक्षा रसायनों पर 50 प्रतिशत अनुदान।
- बखारी पर 50 प्रतिशत अनुदान।
- जिंक सल्फेट पर 50 प्रतिशत अनुदान।
- जिप्सम पर 75 प्रतिशत अनुदान।
- माइक्रो न्यूट्रियन्ट पर 50 प्रतिशत अनुदान।
- बेरोजगार कृषि स्नातको के लिए एग्री जंक्शन योजना।